Background
Adivasi chhatra sangathan is a student union of Gondwana tribbles. ACS is a supportive organisation of GGP, GSU and, JAYS. This organization is used by other LWE’s organization (JAYS, Jagrit Adivasi Dalit Sangathan (JADS), Adivasi Mukti Sangathan (AMS) and Adivasi Ekta Parishad (AEP)) to create anarchy or to show the fierce crowd in rally. It is the cradle of political organization (JAYS) and new leaders have been given to them.
➣ Many young student leaders associated with the Adivasi Chhatra Sangathan (ACS) are transitioning into politics, suggesting a close connection between the student organization and political activities.
➣ The ACS is often used by Left-Wing Extremist (LWE) organizations to bolster attendance at their rallies and demonstrations, indicating a level of coordination and alignment with such groups.
➣ The organization seems to exploit its separatist ideology under the guise of addressing student issues, potentially using student-related concerns as a cover for broader political agendas.
➣ ACS aims to expand its presence in schools and colleges within tribal areas of Madhya Pradesh, indicating a desire to influence and mobilize the youth in these regions.
➣ The organization propagates its message using various points, including issues related to the Constitution Policy of Reservation (CPR) and influencing Gram Sabhas to pass resolutions against development projects, while simultaneously criticizing the government's efforts in tribal areas.
Observation
- Many young student leaders associated with the Adivasi Chhatra Sangathan (ACS) and its ideology are going into politics.
- This student organization is used by many LWE organizations to increase the crowd in their rallies and demonstrations.
- This organization links its separatist ideology in the name of solving the problem of students.
- Adivasi Chhatra Sangathan (ACS) wants to expand its organization in the schools and colleges of the tribal area of Madhya Pradesh.
- These are the main propaganda points on which they spread its propaganda in Adivasi area -
- Constitution Policy of Reservation (CPR)
- ACS sends their representative to Gram Sabha, which comes under the PESA, and they influence the Sabha to pass a resolution against any development project and send those passed resolutions to the Government.
- ACS opposed the Development projects or works in the guise of protecting the interest of Adivasis. These organizations muster the organized opposition to the development projects. Simultaneously in the same breath, they clamour at the top of their voice that Government is not doing any development in the tribal area.
Introduction

Contact Details of ACS |
Facebook - Page |
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Facebook - Page |
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Facebook - Page |
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Facebook Group |
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[email protected]
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विक्रम अछालिया
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Address | Plot No. 01, Adivasi Seva Mandal, Zone-1, MP Nagar, Bhopal |
Key People of ACS

Contact Details of Prakash Bandod |
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Contact No. | 9277777750 |
विक्रम अछालिया
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2. Mukamsingh Alawa - He is a General Secretary of ACS, MP.

Contact Details of Mukamsingh Alawa |
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Contact No. | 8827770804 |
S.No. | Name | Account Link |
3. | Shersingh Saste |
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4. | Piyush Mojle |
(Provincial Treasurer)
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5. | Anil Rawat |
(प्रदेश संयोजक, आदिवासी एकता परिषद मप्र,
प्रदेश संरक्षक, आदिवासी छात्र संगठन मप्र)
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6. | Thakur Gaurav Sallam |
(प्रदेशाध्यक्ष कार्यकारी आदिवासी छात्र संगठन मप्र,
प्रदेश संगठन महामंत्री आदिवासी विकास परिषद मप्र)
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7. | Bhaysu Solanki |
(General Secretary) - 9993797506
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8. | Aakash Kushram |
(General Secretary)
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9. | Lokesh Kalme |
(Harda District President)
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10. | Bijendra Uikey |
(Vice President)
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11. | Chenu Singh Achhaliya |
(Media Head) - 9669613396
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12. | Arvind Dhurve |
(President, Bhopal)
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13. | Mahesh Damar |
(President, Dhar)
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14. | Sachin Badole |
(President, Khargone)
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15. | Mukesh Bhuriya |
(President, Ratlam) - 8966817431, 8719972016
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16. | Vijay Aske |
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17. | Balram Bandod |
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18. | Sachin Sulya |
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19. | Seema Waskle |
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20. | Anil Rawat |
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21. | Ajay Saryam |
(Vice President, Hoshangabad)
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22. | Hamjiya Rawat |
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23. | Sarjan Barde |
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24. | Suraj Ramprasad Pandram |
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25. | Arjun Singh Dhurve |
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26. | Jagiram Badole |
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27. | Amardeep Chouhan |
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28. | Abhi Uikey |
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29. | Ravi Brahmane |
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30. | Sangeeta Chouhan |
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31. | Gardiya Jadhav |
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32. | Kolu Khode |
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33. | Mayaram Awaya |
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34. | Nikesh Solanki |
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35. | Balsingh Bhuriya |
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36. | Rahul Damar |
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37. | Sohan Barman |
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38. | Mohan Vishram Kirade |
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Modus Operandi and Narrative or Issue which on ACS works
- For recruitment of vacant backlog (only for Tribal) posts since 2003 -
- वर्ष 2003 के बाद आज दिनांक तक बैकलॉग पदों की भर्ती नहीं की गई। मध्य प्रदेश में एससी एसटी वर्ग के 1,08,000 बैकलॉग के पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों की भर्ती पिछले सरकार ने अपने 15 वर्ष के कार्यकाल के दौरान नहीं की। वर्तमान सरकार ने विधानसभा चुनाव 2018 के अपने वचन पत्र की कंडिका क्र. 47.38 मे वचन दिया था, कि वर्ष 2003 को आधार मानते हुए बैकलॉग के सभी रिक्त पद भरेंगे और इस हेतु SC/ST वर्ग के युवाओं को निर्धारित योग्यता और आयु सीमा में छूट भी देंगे। सरकार को बने लगभग 9 माह हो गए हैं। लेकिन अभी तक सरकार द्वारा बैकलॉग पदों की भर्ती को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है, ना ही बेरोजगारों युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है।
- To ban the privatization of education.
- For equal education (only for Tribal)
- For quality education (only for Tribal).
- शासकीय अध्यापकों एवं प्राध्यापकों को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त रखा जाए।
- प्रत्येक विद्यालय महाविद्यालय में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या के अनुपात में विषय वार नियमित अध्यापकों एवं प्राध्यापकों की नियुक्ति की जाए।
- कई सालों पुराने छात्रावास भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, उसका तत्काल जीर्णोद्धार किया जाए एवं प्रदेश के कई जिलों में छात्रावास का संचालन किराए के भवन में किया जा रहा है वहां पर तत्काल नए भवन बनवाए जाए।
- आजादी के समय से संचालित छात्रावासों में सीटों की संख्या उतनी ही है जबकि आज के समय में जनसंख्या कई गुना बढ़ गई है, जनसंख्या के अनुपात में आश्रमों, प्री मैट्रिक व महाविद्यालयिन छात्रावासों की निर्धारित सीट संख्या में वृद्धि की जाए।
- अनुसूचित जाति जनजाति विभाग द्वारा संचालित छात्रावास में ST/SC वर्ग के अधीक्षक / अधीक्षिका की पदस्थापना की जाए।
- जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक जिला स्तर पर एसटी / एससी वर्ग के बालक बालिकाओं के लिए क्रमशः 1000 - 1000 सीटर एवं संभाग स्तर पर 2500-2500 सीटर का नवीन महाविद्यालयीन छात्रावास खोला जाए।
- एसटी/एससी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी हेतु प्रत्येक जिला स्तर पर बालक बालिकाओं के लिए क्रमशः 200 -200 सीट संख्या का परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र (छात्रावास) खोला जाए एवं इन वर्ग के बेरोजगार युवाओं को प्रतियोगीता परीक्षा शुल्क से मुक्त रखा जाए।
- प्रत्येक विद्यालय, महाविद्यालय, छात्रावास एवं आश्रम के भवन को वाईफाई से कनेक्ट कर कंप्यूटर लैब एवं ई- लाइब्रेरी की व्यवस्था की जाए।
- शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देकर सरकारी शिक्षा व्यवस्था को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है। सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बचाने एवं शिक्षा के स्तर मे गुणवत्ता लाने के लिए शिक्षा के निजीकरण पर प्रतिबंध लगाया जाए साथ ही एक समान शिक्षा प्रणाली लागू की जाए जहां पर अमीर और गरीब बच्चे की छत के नीचे एक साथ बैठकर शिक्षा ग्रहण करे।
- शासकीय अध्यापकों एवं प्राध्यापकों को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त रखा जाए।
- महाविद्यालय में अध्ययनरत ST/SC वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश शुल्क की प्रति पूर्ति अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग द्वारा की जाती है। इसके बावजूद प्रदेश के कई निजी एवं शासकीय महाविद्यालयो में ईन वर्ग के युवाओं से अग्रिम शुल्क न लिया जाकर नि:शुल्क प्रवेश दिया जाए।
- विश्व आदिवासी दिवस कल 6 अगस्त से गांव-गांव में सप्ताहिक रूप से मनाया जाएगा।
- इस शुभ अवसर पर समाज द्वारा वृक्षारोपण किया जाएगा।
- साथ ही नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई जाएगी एवं सरकारी चिकित्सा एवं सरकारी शिक्षा व्यवस्था के लगातार गिरते हुए स्तर को लेकर चर्चा कर इसे बचाने हेतु आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।
- हमारी आदिवासी संस्कृति को बचाने एवं हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु लोगों को जागरूक किया जाएगा।
- इसके अलावा भी विद्यार्थियों की विभिन्न समस्याओं व सामाजिक समस्याओं को लेकर चर्चा की गई, जिसमें मुख्य रूप से निम्न समस्याएं सामने आई -
- कोरोना वायरस के चलते सरकार ने जो ऑनलाइन क्लास लगा कर पढ़ाई करवाने की जो गाइडलाइन जारी की इससे ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है विद्यार्थियों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है, गाँव में नेटवर्क नहीं मिलता है, नेट बैलेंस के लिए पैसे नहीं है। जब तक सरकार ऑनलाइन क्लास हेतु संसाधन नहीं जुटाती तब तक यह पढ़ाई सक्सेस नहीं है इसलिए यह online कक्षा बंद कि जाकर व्यक्तिगत दूरी का पालन करते हुए ऑफ लाइन कक्षाएं चालू की जाना चाहिए ताकि बच्चों का साल बर्बाद ना हो।
- पाटी ब्लॉक में विगत 2 वर्षों से शासन द्वारा शासकीय महाविद्यालय का संचालन किया जा रहा है लेकिन अभी तक महाविद्यालय का अपना खुद का भवन नहीं बन पाया है कक्षाएं संचालन हेतु पर्याप्त मात्रा में कमरे नहीं है।
- महाविद्यालय में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को अब तक आवास भत्ता का लाभ नहीं मिला है, इस समस्या को लेकर कई बार विद्यार्थियों ने शासन प्रशासन को अवगत करवाया इसके बावजूद भी विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिला हैं।
- आदिवासी छात्र संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए हर हाई स्कूल एवं हाई सेकेंडरी स्कूल और छात्रावासों में आदिवासी छात्र संगठन (ACS) की कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा।
- छात्रों की समस्याओं के अलावा सामाजिक समस्याएं भी सामने आई -
- पाटी ब्लॉक में 52 पंचायतें है लगभग 2 लाख के समथिंग आबादी है और इनके पीछे मात्र एक बैंक है, जिससे लोगों को कहीं कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है प्रतिदिन बैंक के सामने सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी रहती है ज्यादा भीड़ की वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने की संभावना बनती है।
- कई ग्राम पंचायतों में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन शासकीय उचित मूल्य दुकान पर मिलने वाला राशन आदि।
- वन अधिकार मान्यता कानून के तहत जो दावे भरे गए थे उसके पट्टे अभी तक वितरित नहीं किए गए।
- आदि समस्याएं सामने आई जिस पर विस्तृत रूप से चर्चा कर समस्याओं का समाधान करने हेतु आगामी कार्य योजना तैयार की गई।
- अंत में आदिवासी छात्र संगठन एसबीएन पीजी कॉलेज बड़वानी के पूर्व अध्यक्ष रवि बामनिया ने पीएससी की तैयारी के अपने दिल्ली कोचिंग के अनुभव शेयर कर विद्यार्थियों को पीएससी की तैयारी के बारे में बताएं ,रवि ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आदिवासी छात्र संगठन व्यक्तित्व का निर्माण करता है आदिवासी छात्र संगठन से निकला हुआ व्यक्ति जिस भी क्षेत्र में जाएगा वहां अपनी विचारधारा को लेकर जाएगा और समाज के लिए समर्पित होकर काम करेगा । आज के समय न्यायपालिका व कार्यपालिका में हमारा नेतृत्व न के बराबर है और व्यवस्थापिका में जो हमारे नेतृत्वकर्ता है वह कठपुतली की तरह यूज़ होता है इसलिए हमको खूब पढ़ाई कर इनमें जाना होगा। हम कार्यपालिका, न्यायपालिका व्यवस्थापिका में जाएंगे तभी हमारे समाज का उद्धार होगा।
- विद्यार्थियों की समस्या का सर्वे कर अप्रैल माह में आदिवासी छात्र संगठन (ACS), मध्य प्रदेश का प्रतिनिधिमंडल माननीय मुख्यमंत्री महोदय से मुलाकात कर उनके निराकरण हेतु प्रयास करेगा।
- प्रत्येक जिले में 4 मई, 2020 से 10 मई, 2020 तक आकास के सहयोग से विद्यार्थियों के लिए कैरियर काउंसलिंग एवं कौशल उन्नयन के कार्यक्रम रखे जाएंगे।
- शिक्षण सत्र के शुरुआत में प्रत्येक महाविद्यालय में आदिवासी छात्र संगठन (ACS) की ओर से "विद्यार्थी हेल्प डेस्क" लगाया जाएगा।
- अगस्त-सितंबर, 2020 में प्रत्येक जिले में हाई स्कूल से लेकर कॉलेज तक तथा हॉस्टलों में आदिवासी छात्र संगठन (ACS), मध्य प्रदेश का विस्तार किया जाएगा ।
- विद्यार्थियों में नेतृत्व निर्माण हेतु प्रदेश को 2 झोन में बाटकर 5-6 सितंबर, 2020 को झाबुआ में तथा 19-20 सितंबर, 2020 को बैतूल में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
- झाबुआ जिले में होने वाले महासम्मेलन की तैयारी एवं इसके सफल आयोजन हेतु आदिवासी छात्र संगठन, मध्य प्रदेश द्वारा विशेष प्रयास किए जाएंगे।
- पहले दिन 7 दिसंबर, 2019 को कार्यक्रम की शुरूआत आदिवासी सांस्कृतिक गीत के साथ गोवा के माननीय मुख्यमंत्री डा. प्रमोद सावंत जी एवं पूर्व मंत्री आप रमेश तावड़कर जी के द्वारा की गई।
- अतिथियों एवं विशेष उपलब्धि प्राप्त या उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को मंच से साल, श्रीफल, फूल, मोमेंटों एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
- पहले दिन स्थानीय व अन्य राज्यों के सांस्कृतिक दलों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई।
- दूसरे दिन 8 दिसंबर, 2019 को खेल प्रतियोगिता, नृत्य प्रतियोगिता, सांस्कृतिक नृत्य, फैशन शो, फोटोग्राफी प्रतियोगिता आदि का आयोजन भी किया गया।
- "आल इंडिया आदिवासी एम्प्लॉयज फेडरेशन आफ गोवा स्टेट" द्वारा "एक दिवसीय वर्कशॉप" "कांस्टीट्यूशनल पॉलिसी ऑफ रिज़र्वेशन (CPR)" विषय पर रखा गया।
- विषय विशेषज्ञ डॉ. हेमंत तिरपुड़े जी ने CONSTITUTION POLICY OF RESERVATION (CPR) की एक दिवसीय वर्कशॉप में संवैधानिक अधिकारों के बारे में विस्तृत चर्चा की।
- कार्यक्रम के आयोजक आदर्श युवा संघ, गांव डोंगरी, खोती गांव एवं श्री बलराम शिक्षण संस्था, आमोणे, पैंगीण, कागकोण तथा सहयोग आल इंडिया आदिवासी एम्प्लॉयज फेडरेशन गोवा स्टेट, भूमिपुत्र सेवा संगठन, कला एवं संस्कृति संचानालय, गोवा सरकार और नाबार्ड का रहा।
- कार्यक्रम में गोवा के माननीय मुख्यमंत्री डा. प्रमोद सावंत जी, पूर्व मंत्री रमेश तावड़कर जी, आदिवासी एकता परिषद गुजरात, महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश के प्रतिनिधि मंडल के रूप में माननीय भूतपूर्व सांसद आप अमरसिंह भाई चौधरी जी,लालसिंग गामित,हिरामण चौधरी,देवा पंवार, अनिल वसावा, एडवोकेट विक्रम पर्ते, गारदिया जाधव,शेरसिह सस्ते आदि उपस्थित रहे।
- इस अवसर पर प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें प्रमुख रुप से आदिवासी जीवन शैली पर आधारित वस्तुएं, आजीविका के संसाधन, औषधियां, व्यंजन, कृषि उत्पाद, कृषि औजार आदि आकर्षण के केंद्र थे।
- कार्यक्रम स्थल को आदिवासी परंपरा एवं जीवनशैली के आधार पर सजाया गया था अलग-अलग कार्यक्रम आयोजन के लिए अलग-अलग पांडाल, मांडवा तथा झोपड़िया बनाई गई थी । यहां विशेष उल्लेखनीय बात यह हैं कि एक आदिवासी व्यक्ति के पास शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन हेतु आवश्यक संसाधनों से परिपूर्ण कैंपस है।
- बड़वानी जिले में अल्प वर्षा हो रही है, कई किसानों ने फसल बो दी है और कई किसान अभी तक फसल की बुवाई नहीं किए और जिन किसानों ने फसल बुवाई की है लेकिन कम वर्षा के कारण उनका बीच जमीन में ही सड़ गया है और ठीक ढंग से उगा भी नहीं है, उन किसानों को दुबारा बीज बोने के लिए सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाए। बारिश नहीं होने के कारण से जमीन पर चारा भी नहीं ऊगा है, जिस कारण से मवेशियों को चारा नहीं मिल रहा है हमारी मांग है कि जिले में किसानों के मवेशियों के लिए चारा दिया जाए।
- मध्य प्रदेश की पूर्व सरकार ने चुनाव के अपने घोषणा पत्र में किसानों का कर्जा माफ करने का वादा किया था। सरकार बनने के बाद कुछ किसानों का कर्ज माफ तो किया है, किंतु बहुत सारे किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ है। उन किसानों को बैंकों द्वारा कोर्ट के जरिए से वसूली के नोटिस दिए जा रहे हैं। सरकार के वादे अनुसार किसानों का कर्जा माफ किया जाए एवं वसूली करना बंद किया जाए।
- बिजली विभाग के द्वारा किसानों को कम बिजली देकर बिजली बिल ज्यादा का दिया जा रहा है, यह किसानों के साथ खुल्लम खुली लूट है। 2 फेस का तीन फेस बनाकर बिजली दे रहे जिससे कई किसानों की मोटरें जल गई है, इसलिए बिजली विभाग से किसानों को अच्छी बिजली दिलवाकर बिजली का बिल कम लिया जाए।
- जिले में कम वर्षा होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोग महाराष्ट्र, गुजरात की ओर पलायन कर रहे हैं, उन्हें रोकने के लिए जिले में ही रोजगार गारंटी कानून के तहत रोजगार खोला जाए ताकि लोग बाहर पलायन करने से बचें। साथी ही रोजगार गारंटी कानून के तहत प्रत्येक परिवार को साल में 100 दिन मजदूरी देने का प्रावधान है, किंतु कोरोना महामारी को देखते हुए हम मांग करते हैं कि रोजगार गारंटी कानून में प्रत्येक परिवार के प्रत्येक सदस्य को साल में 200 दिन की मजदूरी दी जाने का प्रावधान किया जाए एवं रोजगार गारंटी कानून में प्रतिदिन की मजदूरी ₹180 दी जाती है जो आज के महंगाई के समय में बहुत कम है उसको बढ़ाकर ₹600 प्रतिदिन किया जाए।
- पिछले 2 वर्षों से कोरोना महामारी के कारण स्कूल, कॉलेज व छात्रावास बंद है, जिससे विद्यार्थियों को शिक्षा लेने से वंचित होना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से सक्षम है उनके विद्यार्थी तो ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन गांव के विद्यार्थियों के पास कोई मोबाइल नहीं है ऐसी स्थिति में गांव के विद्यार्थी पिछड़ जाएंगे इसलिए बंद स्कूल कॉलेज और छात्रावास को खोल कर विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा दी जाए, साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को पिछले वर्ष की छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता की राशि अभी तक नहीं मिली है उन्हें भी अविलंब दिया जाए।
- गांव-गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र खुले हैं लेकिन स्वास्थ्य कर्मी उपरोक्त स्थान पर उपस्थित नहीं होने के कारण लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कर्मचारी समय पर उपस्थित नहीं रहते जिससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है एक्सरे मशीन, सोनोग्राफी की मशीन व सीटी स्कैन मशीन अन्य आदि मशीनें नहीं होने व खराब होने के कारण मरीजों को सरकारी दवा खाने से प्राइवेट दवा खाने की ओर भेजा जाता है और प्राइवेट अस्पताल मरीजों को मनमाने ढंग से लूटता है। सरकारी दवाखाने में संपूर्ण जांच करवाने की उपकरण सुविधा युक्त अस्पताल बनाकर लोगों को अच्छी सुविधा दी जाए।
- राशन वितरण के समय में उपयोग में लाने वाली पोस्ट मशीन जिस पर उपभोक्ता के अंगूठे लगाए जाते हैं। जिले भर में सबसे ज्यादा किसान व मजदूर लोग निवास करते हैं, हाथ मेहनत मजदूरी करने से उनके अंगूठे की रेखाएं घिस जाने के कारण कई लोगों के अंगूठे एवं उंगलियों के निशान मशीन पर सही नहीं आते है, जिससे लोगों को राशन नहीं मिल पाता है। इसलिए राशन दुकान से अंगूठे वाली मशीन को हटाकर रजिस्टर व राशन कार्ड पर एंट्री कर भक्तों को राशन दिया जाए।
- केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को पांच 5 किलो राशन अप्रैल माह से नवंबर माह तक निशुल्क देने का आदेश दिया है लेकिन कई दुकानों पर लोगों से पैसा लेकर राशन दिया जा रहा है, पैसे लेकर राशन देने वाले दुकानदार पर कार्रवाई की जाए।
- वन अधिकार मान्यता कानून के तहत व्यक्तिगत दावे जमा करने के लिए सरकार वन मित्र एप खोल कर दावे जमा करवा रही हैं, किंतु सामुदायिक दावे लेने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है ना ही इसके लिए अलग से कोई ऐप खोला गया है। सामुदायिक दावे जमा करने के लिए तुरंत कोई व्यवस्था करें या तुरंत ऐप खोला जाए जिससे वन में रहने वाले लोग अपना दावा जमा कर सके। वन अधिकार मान्यता कानून के प्रावधान अनुसार जिले भर में आने वाले सभी ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाए।
ACS Networks
Nicholas Barla, Ramu Tekam (Congress Associate), Banti Dhurve, Sumer Singh Badole, Preity Narre (अध्यक्ष, महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज भोपाल की छात्रा संघ), Vincent Ekka, Manisha Dhurve, Vikram Parte, Elina Horo, Pramod Gaikwad, Rajan Mandloi (Congress Associate), Kanti Bhai, Chotu Bhai Vasava.
Jai Adivasi Yuva Shakti (JAYS), Adivasi Ekta Parishad, Adivasi Mukti Sangathan, Jagrit Adivasi Dalit Sangathan, Adivasi Mahasabha, NSOSYF Madhya Pradesh, आदिवासी अधिकारी कर्मचारी संगठन (आकास), राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति युवा संघ (NAJJYS), अनुसूचित जाति - जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) मध्य प्रदेश, ओबीसी एससी एसटी एकता मंच मध्य प्रदेश, गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन, मध्य प्रदेश, भीम सेना मध्य प्रदेश, अहिरवार समाज संघ मध्य प्रदेश, ST/SC सँयुक्त मोर्चा, मध्यप्रदेश, भीम युवा संगठन म.प्र., अखिल भारतीय बसोर समाज विकास समिति म.प्र., ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन म.प्र., अहिरवार शिक्षा सांस्कृतिक समिति म.प्र., जय भीम सेवा संगठन, मध्य प्रदेश, अखिल भारतीय बसोर समाज विकास समिति म.प्र., गोंड महासभा, सर्व आदिवासी समाज, आदिवासी समन्वय मंच, आदिवासी महिला संगठन, आदिवासी छात्र संघ
Activities of ACS
- Topic - Tribal / Tribal Language, Culture Development Three Day Seminar.
- Location - Bhopal Madhya Pradesh
- दुनिया भर में 7000 से ज्यादा भाषाएं है, जिसमें आधी से ज्यादा आदिवासी भाषाएं हैं। हमारे देश में 750 से ज्यादा आदिवासी समूह है और 400 से ज्यादा आदिवासी भाषाएं हैं। इनमें से ज्यादातर आदिवासी भाषाएं विलुप्ती की कगार पर है। इसीलिये संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) द्वारा वर्ष 2019 को आदिवासी भाषा वर्ष घोषित किया है । इस प्रयास को गति प्रदान के लिए विश्व में अलग-अलग जगह पर आदिवासी भाषा को लेकर कार्यक्रम हो रहे हैं।
- इसी कड़ी में आदिम जाति कल्याण विभाग, मध्यप्रदेश शासन, आदिवासी समन्वय मंच, भारत तथा सेंटर फॉर सोशियल जस्टिस एंड गवर्नेंस (TISS), मुंबई के संयुक्त तत्वाधान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया।
- सेमिनार का उद्घाटन प्रथम दिन दिनांक 15 नवंबर को किया गया, जिसकी अध्यक्षता आदिम जाति कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी जी द्वारा की गई । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में -
- फुलमन चौधरी जी (उपाध्यक्ष, परमानेंट फोरम आन इंडिजीनियस पीपुल्स इश्यूज, सयुक्त राष्ट्र संघ एवं विशेष अतिथि के रूप में आप फेलिक्स पेडल, विजिटिंग प्रोफेसर, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, लंदन)
- वर्जिनियस खाखा (प्रोफेसर, तेजपुर यूनिवर्सिटी, आसाम)
- विपिन जोजो (प्रोफेसर, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई)
- सरित चौधरी (प्रोफ़ेसर, डायरेक्टर, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल)
- राकेश सिंह (प्रोफ़ेसर, संचालक, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना, मध्यप्रदेश शासन भोपाल)
- समूह चर्चाओं का निष्कर्ष दिनांक 17 नवंबर, 2019 को अंतिम सत्र में रखा गया, जिसके विषय इस प्रकार हैं -
- आदिवासी भाषा एवं संस्कृति
- आदिवासी ज्ञान, परंपरा एवं स्वास्थ्य
- आदिवासी भाषा एवं शिक्षा का भविष्य
- जल-जंगल-जमीन पर आदिवासियों का वैश्विक दृष्टिकोण
- विकास की अवधारणा और संपोषक विकास
- आदिवासी संस्कृति, परंपरा एवं रूड़ी प्रथा
- बड़वानी जिला सूखा घोषित हो -
- जिलें में समय पर बारिश नही होने से किसान परेशान है, जिले के कुछ क्षेत्र में पहले बारिश हुई थी वहां पर किसानों द्वारा फसल बो दी गई अब बारिश नहीं होने के कारण वह फसल भी सूख गई है, महंगा खाद-बीज होने से किसानों के ऊपर दोहरी मार पड़ी है और दूसरी ओर बैंकों द्वारा किसानों को कर्ज चुकाने हेतु नोटिस पे नोटिस दिए जा रहे हैं। संपूर्ण बड़वानी जिले को सूखा घोषित किया जाकर समस्त किसानों का कर्जा माफ किया जाए।
- समस्त शिक्षण संस्थाएं व हॉस्टल्स चालू हो। लॉकडाउन के कारण स्कूल, कॉलेज, छात्रावास पिछले वर्ष से बंद पड़े हुए हैं । जबकि आज के समय में स्थिति सामान्य सी हो गई है व संपूर्ण मार्केट खुल गया है, देसी विदेशी शराब की दुकानें lock-down में भी चालू थी अब भी चालू है, धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक कार्यों का आयोजन धड़ल्ले से किया जा रहा है, मंदिर-मस्जिद के द्वार खुल गए हैंतो फिर शिक्षा का द्वार बंद क्यों? ऑनलाइन शिक्षा से काम नहीं चलेगा, ऑनलाइन शिक्षा केवल शहरों तक सीमित है। ऑनलाइन शिक्षा के लिए महंगे एंड्राइड मोबाइल फ़ोन चाहिए, जो गांव में बसे गरीब मजदूरों के पास नहीं है और किसी के पास है भी तो गांवों में समय पर न तो बिजली मिलती है ओर न ही नेटवर्क मिलता है, तो यह ऑनलाइन शिक्षा बिना संसाधन के कैसे संभव हो सकती है? सरकार पहले गांवों में ऑनलाइन शिक्षा हेतु संपूर्ण संसाधन जुटाए इसके बाद ऑनलाइन शिक्षा की बात करें।
- पेसा कानून - आदिवासी एकता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष गजानंद ब्राह्मणे ने पैसा कानून के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए कहा कि पेसा कानून लागू है लेकिन गांव में जन जागृति की कमी के कारण सरकार इसे अमल में नहीं ला रही है। इस कानून के तहत ग्राम सभा को संपूर्ण अधिकार दिए गए हैं, गांव की संपूर्ण खनिज संपदा व गांव में जितनी भी शासकीय व गैर शासकीय संस्थाएं काम कर रही है वह ग्राम सभा के अधीन काम करेगी।
- वन अधिकार मान्यता कानून - आदिवासी मुक्ति संगठन के राजेश कन्नौजे ने बताया कि वन अधिकार मान्यता कानून के तहत कई सालों से खेती कर रहे किसानों का अभी तक सरकार द्वारा पट्टे नहीं दिए गए हैं उन्होंने व्यक्तिगत दावे और सामूहिक दावे करने की विस्तृत जानकारी दी।
- किसान विरोधी तीन काले कानून वापस हो - एडवोकेट राजन मंडलोई ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए किसान विरोधी तीन काले कानून से किसानों को होने वाले नुकसान के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी।
- सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली में हो रही गड़बड़ियां बंद हो - जागृत आदिवासी दलित संगठन के हरसिंह जमरे ने बताया कि शासकीय उचित मूल्य दुकान पर वितरण किए जाने वाले राशन में भारी गड़बड़ी की जा रही है, कई लोगों के नाम राशन कार्ड से काट दिए गए हैं, पात्रता पर्ची के अभाव में कई मजदूरों को राशन नहीं मिल रहा है। सरकार इसका जल्दी समाधान कर गरीब मजदूरों को राशन देना सुनिश्चित करें।
- महंगाई को देखते हुए मनरेगा की मजदूरी बढ़ाई जाए - जागृत आदिवासी दलित संगठन के वालसिंह ने कहा कि इस वैश्विक महामारी में गांव के लोग गांव में ही रहे इस हेतु सरकार रोजगार गारंटी के तहत दिए जाने वाले 100 दिन के रोजगार की जगह प्रति व्यक्ति को साल में 200 दिन का रोजगार देना सुनिश्चित करें और महंगाई को दृष्टिगत रखते हुए मजदूरी भी बढ़ाई जाए।
- नेमावर हत्याकांड कि सीबीआई जांच हो - जागृत आदिवासी दलित संगठन की नासरी बाई व लया बाई ने कहा कि नेमावर की घटना मानवता को शर्मसार कर देने वाली जघन्य घटना है, इसकी सीबीआई जांच होना चाहिए एवं अपराधियों को फांसी होना चाहिए, इसके लिए अगर पूरे देश में आंदोलन करना पड़ेगा तो वह भी करेंगे।
- ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब की बिक्री बंद हो - जयस के राजू पटेल, मगन जमरे, अनिल सस्तिया व विजय सोलंकी ने बताया कि शासकीय दुकानों पर मिलने वाली देसी व विदेशी शराब ग्रामीण क्षेत्र के गांव में धड़ल्ले से बिक रही है। ग्रामीण क्षेत्र में अवैध रूप से बिक रही शराब पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाए ।
- आदिवासी विद्यार्थियों को पिछले वर्ष की छात्रवृत्ति व आवास सहायता राशि का भुगतान शीघ्र किया जाए, आदिवासी छात्र संगठन के शेरसिंह सस्ते व किताबसिंह सोलंकी ने बताया कि आदिवासी विद्यार्थियों को शिक्षण सत्र 2019- 2020 की स्कॉलरशिप व आवास सहायता की राशि का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। सरकार द्वारा जानबूझकर online फार्म जमा करने की लिंक ओपन नहीं की जा रही है, जिसकी वजह से ऑनलाइन फॉर्म अभी तक जमा नहीं हुए है । जबकि अन्य वर्ग के विद्यार्थियों को इसका लाभ पिछले वर्ष ही मिल गया था। एसटी वर्ग के विद्यार्थियों के साथ सरकार भेदभाव क्यों कर रही है?
- 9 अगस्त, विश्व आदिवासी दिवस पर शासकीय अवकाश घोषित हो, प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी प्रदेश सहित देश के अलग-अलग राज्य, जिलें, तहसील और ब्लॉक स्तर पर 9 अगस्त, विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। पिछली सरकार ने आदिवासियों का सम्मान करते हुए 9 अगस्त, विश्व आदिवासी दिवस पर संपूर्ण मध्य प्रदेश में शासकीय अवकाश घोषित किया था, किंतु वर्तमान सरकार द्वारा इस अवकाश को निरस्त कर दिया गया है। सरकार के इस निर्णय से संपूर्ण आदिवासी समाज में आक्रोश है। वर्तमान सरकार अगर 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस पर शासकीय अवकाश घोषित नहीं करती है तो संपूर्ण मध्यप्रदेश में आदिवासी समाज द्वारा आंदोलन किया जाएगा।
- ACS mobilizes Tribal people in Adivasi Ekta Parishad’s Adivasi Sanskritik Ekta Mahasammelan. दिनांक 21 जुलाई, 2021 को आदिवासी एकता परिषद के तत्वाधान में मध्य प्रदेश के समस्त सामाजिक संगठनों की संयुक्त बैठक खलघाट, जिला धार में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। बैठक की शुरुआत कोरोना महामारी में आदिवासी समाज के लोगों की असामयिक मृत्यु हो गई उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई। तत्पश्चात बैठक के एजेंडा अनुसार बिंदुवार गहन चिंतन मनन उपरांत बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं की सर्वसम्मति से निम्नांकित निर्णय लिए गए।
- नेमावर हत्याकांड - मध्य प्रदेश राज्य के देवास जिले के नेमावर में हत्याकांड को लेकर आज दिनांक तक की वस्तुस्थिति के बारे में देवास जिले के कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने एवं दोषियों को सजा दिलाने हेतु समिति का गठन किया गया। जिसका दायित्व पीड़ित परिवार को कानूनी सहायता देना, शासन प्रशासन से संवाद करना, प्रकरण की अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करना एवं जब तक दोषियों को सजा नहीं हो जाती तब तक पूरे मामलें की मॉनिटरिंग की जाएगी। समिति के सदस्य इस प्रकार है -
- एस एस कुमरे, सेवानिवृत्त आईएएस - 9425600873
- गजानंद ब्राह्मणे, प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी एकता परिषद, मध्य प्रदेश - 9826094275
- वेरसिंह डावर, सामाजिक कार्यकर्ता, देवास -9009879689
- रामदेव काकोडि़या, सामाजिक कार्यकर्ता, देवास-8717951132
- एडवोकेट विक्रम पर्ते, सह संयोजक, आदिवासी समन्वय मंच, भारत-9406561606
- रानू डावर, सामाजिक कार्यकर्ता, देवास-6263159227
- रणजीत सिंह भिलाला सामाजिक कार्यकर्ता, देवास-7879293337
- अनिता अलावा, सामाजिक कार्यकर्ता, देवास-6264439950
- कुछ सदस्य जिनके नाम का उल्लेख यहां नहीं किया जा रहा है वह पूरे प्रकरण में कानूनी, प्रशासनिक एवं आर्थिक सहयोग करेंगे।
- पीड़ित परिवार के सदस्य जब जब इंदौर आएंगे तब तक आदिवासी भील समाज, कॉलोनी मूसाखेड़ी के कार्यकर्ता उनकी सुरक्षा व्यवस्था और आवश्यकता पड़ने पर ठहरने की व्यवस्था तथा अन्य आवश्यक सहयोग करेंगे।
- दिनांक 8 अगस्त, 2021 को प्रातः 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक सोशल मीडिया पर "नेमावर जघन्य हत्याकांड" को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री को सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म से हैशटैग किया जाएगा। इसकी जवाबदारी आप विजय अस्के - 8871595125 एवं चंदू मेडा - 9981642951 एवं उनकी टीम को दी गई।
- मानपुर, जिला इंदौर की अजनार नदी में केमिकल -
- विगत दिनों इंदौर जिले के मानपुर की अजनार नदी में पिथमपुर की फैक्ट्री का खतरनाक केमिकल को नदी के पास में डालने से नदी तथा आसपास के पानी के स्रोतों में केमिकल युक्त पानी आने लगा जिसका प्रभाव वन्य प्राणी, वृक्ष तथा आसपास के लोगों पर पड़ने लगा इस पूरे प्रकरण की जानकारी मानपुर के कार्यकर्ताओं द्वारा दी गई । इस पर कार्यकर्ताओं के सुझाव अनुसार आगे की रणनीति तय की गई जो इस प्रकार है -
- केमिकल से प्रभावित गांवों में ग्राम सभा - विषैले केमिकल से होने वाले नुकसान, केमिकल युक्त मिट्टी को उठाने, प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा दिलवाने एवं पीने के शुद्ध पानी की व्यवस्था सहित आदि विषयों पर ठहराव प्रस्ताव बनाकर शासन को दिया जाएगा। साथ ही जनहित याचिका भी दायर की जाएगी। सभी प्रभावित गांवों की ग्राम सभा का आयोजन करवाने हेतु निम्नांकित कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई -
- रणजीत मकवाना - 9589595444
- ओंकारसिंह कटारा - 7828088201
- दिनेश वर्मा - 9993262903
- राजेश जमरे
- सालम डावर
- इस घटना को लेकर भी दिनांक 8 अगस्त 2021 को सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री, महामहिम राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री आदि को हैशटैग किया जाएगा।
- आदिवासी समाज के कर्मचारी - अधिकारियों के साथ दुर्भावना पूर्वक गैर संवैधानिक कार्यवाही, इस विषय पर गंभीरता पूर्वक विचार मंथन किया गया। जिसमें निम्नांकित बिंदु उभर कर सामने आए -
- आदिवासी समाज के कर्मचारी अधिकारियों के साथ दुर्भावना पूर्वक रवैया अपनाते हुए बिना किसी ठोस कारण एवं सुनवाई के अवसर दिए बगैर ही निलंबित कर दिए जाते हैं तथा विभागीय जांच लंबे समय तक चलाई जाती है एवं उनकी पदस्थापना जानबूझकर दुर्गम स्थलों व लूप लाईन में की जाती है।
- हमारे समाज के कर्मचारी अधिकारियों को भी अपने-अपने विभाग का पूरा ज्ञान रखना चाहिए।
- समाज के कर्मचारियों में सामाजिक जन जागृति होना चाहिए।
- समाज के कर्मचारी अधिकारियों को आकास संगठन से अनिवार्य रूप से जुड़ना चाहिए।
- जब भी मुख्यालय से बाहर जाना हो तो विधिवत अवकाश लेकर मुख्यालय छोड़ने की अनुमति लेकर ही बाहर जाना चाहिए।
- किसी भी प्लेटफार्म पर अपनी बात शालीनता पूर्वक और संवैधानिक दायरे में रहकर ही रखना चाहिए।
- इसके बावजूद भी इससे समाज के कर्मचारियों के साथ होने वाले अन्याय, अत्याचार के खिलाफ परिणाम मूलक लड़ाई लड़ने हेतु कर्मचारियों को संगठित रूप से लड़ाई लड़ना चाहिए। साथ ही कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर निकट भविष्य में माननीय मुख्यमंत्री महोदय से प्रतिनिधिमंडल मिलेंगा।
- बैकलॉग पदों की भर्ती, बेरोजगारी, शिक्षण संस्थाओं को खुलवाना एवं विद्यार्थियों से संबंधित समस्या के विषय में आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा बात रखी गई। तत्पश्चात मीटिंग में उपस्थित कार्यकर्ताओं द्वारा समस्याओं के निराकरण के विषय में अपने महत्वपूर्ण सुझाव लिए गए। आदिवासी छात्र संगठन (ACS), मध्य प्रदेश के द्वारा दिनांक 24 जुलाई, 2021 गूगल मीट का आयोजन कर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इसे सफल बनाने हेतु समाज के समस्त संगठनों द्वारा सहयोग किया जाएगा।
- प्रदेश में कार्यरत आदिवासी समाज के समस्त संगठनों के बीच समन्वय स्थापित करने के विषय पर गंभीरता पूर्वक विचार मंथन किया गया। जिसमें निम्नांकित सुझाव प्राप्त हुए -
- कार्यकर्ताओं एवं संगठनों को एक दूसरे के ऊपर टिका टिप्पणी करने से बचना चाहिए।
- कोई भी मीटिंग, कार्यक्रम या आंदोलन की रणनीति बनाने से पूर्व सभी संगठनों के सक्रिय कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
- किसी भी बैठक में लिए गए निर्णय पर प्रदेश के सभी संगठनों के कार्यकर्ताओं को अनिवार्य रूप से अमल करना चाहिए।
- अन्याय, अत्याचार, दमन, शोषण के खिलाफ लड़ाई एवं अपने हक अधिकारों की मांग संवैधानिक दायरे में रहते हुए आंदोलन करना।
- संगठन, आंदोलन तथा कार्यकर्ताओं के बीच में अनुशासन बनाए रखना चाहिए।
- 9 अगस्त, विश्व आदिवासी दिवस प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इसकी कार्य योजना सबकी सहमति से बनाई गई -
- समारोह का आयोजन पूरे प्रदेश में साप्ताहिक रूप से किया जाएगा।
- मध्य प्रदेश के प्रत्येक गांव में 9 अगस्त विश्व आदिवासी समारोह का आयोजन होना चाहिए, ऐसा सभी जिले के कार्यकर्ता सुनिश्चित करें।
- समारोह में आदिवासी समाज की पारंपरिक वेशभूषा पहनकर शामिल होना चाहिए।
- कार्यक्रम में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण सुरक्षा, संवैधानिक अधिकारों एवं वैक्सीनेशन की जानकारी दी जाना चाहिए।
- 9 अगस्त को जिला स्तरीय कार्यक्रम किया जाए एवं शाम को अपने-अपने घरों में दिए जलाकर हमारे पुरखों एवं प्रकृति की पूजा की जाना चाहिए।
- साप्ताहिक कार्यक्रम के दरमियान वृक्षारोपण किया जाए।
- 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस समारोह के अवसर पर शासकीय अवकाश जिसे वर्तमान सरकार द्वारा निरस्त किया गया है, उसे पुनः घोषित करवाने हेतु प्रदेश के समस्त ब्लॉक, जिला, संभाग व राजधानी मुख्यालय पर दिनांक 26 जुलाई, 2021 को शाम 4:00 बजे ज्ञापन सौंपा जाएगा।
- ज्ञापन की कॉपी प्राप्त करने हेतु आकास कार्यालय संचालक आप पवन बारस्कर जी 9009240995 से संपर्क करें।
- ज्ञापन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु आप प्रकाश बंडोड़, प्रांतीय अध्यक्ष - आदिवासी छात्र संगठन (ACS), मध्य प्रदेश - 9277777750, सचिन देवा बडो़ले, खरगोन -7697569540, चंदू मेडा़, रतलाम - 9981642951 व महाकौशल के लिए आप एस एस मरकाम - 9981532267 को जवाबदारी सौंपी गई।
- विगत दिनों आदिवासी एकता परिषद मध्य प्रदेश के महासचिव आप राजेंद्र बारिया जी का हृदयाघात से आकस्मिक निधन होने से रिक्त हुए महासचिव पद के लिए बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वसम्मति से डॉक्टर के एस डामोर जी को आदिवासी एकता परिषद, मध्य प्रदेश के महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई।
- बैठक में डेढ़ सौ से अधिक सक्रिय कार्यकर्ता उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता गजानंद ब्राह्मणे, प्रदेश अध्यक्ष, आदिवासी एकता परिषद एवं महासचिव, आदिवासी मुक्ति संगठन द्वारा की गई। संचालन सरदार भाई चौहान तथा आभार चंदर सिंह सोलंकी जी द्वारा किया गया।
- आदिवासियत बचाओ यात्रा - 2021 की शुरुआत 11 जनवरी 2021 को शहीद क्रांतिकारी खाज्या नायक की कर्म व जन्मस्थली बाटवा, जिला धुलिया, महाराष्ट्र से की गई। यात्रा की शुरुआत पानसेमल क्षेत्र के विधायक महोदय चंद्रभागा किराड़े एवं सेंधवा विधानसभा के विधायक महोदय ग्यारसीलाल जी रावत, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता गेंदराम डावर तथा बाटवा गांव के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा यात्रा का शुभारंभ किया गया।
- महाराष्ट्र के धुलिया जिले के बाटवा, सेमल्या, पलासनेर से होते हुए यात्रा मध्यप्रदेश राज्य के मालवन गांव में प्रवेश की, जहां पर गाँव के वरिष्ठों व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया। सोलवन मे यात्रा का स्वागत पारम्परिक वाद्य यंत्र ढोल बजाकर किया गया।
- सोलवन से यात्रा मोहाला होते हुए धनोरा पहुची -
- जहां पर आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश बंडोड़ द्वारा यात्रा का उद्देश्य बताया गया। मेहतगांव मडगांव में सभा की गई सभा के अंत में पिछले 5 सालों से आदिवासियों बचाओ यात्रा में अपना पूरा समय देने वाले हमारे साथी आप अनिल सुल्या जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और यात्रा के साथ में चल रही उनकी अर्धांगिनी मीराबाई सुल्या जी का स्वागत किया गया। तत्पश्चात झोपली, मटली फाटा जोड़ाई पहुची जहा पर आदिवासी एकता परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ता गुलाल्या कनास्या एवं उनकी टीम द्वारा स्वागत किया। तत्पश्चात सभा मे आदिवासी एकता परिषद के होने वाले 28 वे आदिवासी सांस्कृतिक एकता महासम्मेलन एवं आदिवासियत बचाओं यात्रा के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी।
- लक्ष्मी सोलंकी द्वारा सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी समाज की महिलाओं को संस्कृति व परम्परा के प्रति जागरूकता लाने की बात कही गई।
- यात्रा के नरावला पहुचने पर यात्रा रैली के रूप में होते हुए शहीद रमेश बघेल के स्मारक स्थल पर पहुँची, ततपश्चात सभा का आयोजन किया गया। रात्रि के 10 बजे भी सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी उपस्थित रही। सभा को सम्बोधित करते हुए सुमेरसिंह बड़ोले द्वारा आदिवासी जीवनशैली पर प्रकाश डाला गया एवं यात्रा के अगुवाई कर रहे आप पी.एल. खरते द्वारा आदिवासियत बचाओं यात्रा के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बात रखी गई।
- यात्रा जिस-जिस गांव में गई वहां के गांव वासियों द्वारा यात्रा का पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाकर एवं पुष्पमाला से स्वागत किया गया एवं यात्रा में चल रहे साथी वक्ताओं द्वारा आदिवासियत बचाओ यात्रा के उद्देश्य एवं आदिवासी संस्कृति, जल-जंगल- जमीन व आदिवासियत बचाने का संदेश देते हुए मध्यप्रदेश के ग्राम बिलिडोज जिला झाबुआ में होने वाले 28 वां आदिवासी सांस्कृतिक एकता महासम्मेलन का निमंत्रण भी दिया गया। इसके बाद यात्रा मंडवाडा गांव पहुंची। जहां पर भोजन कर रात्रि विश्राम किया गया।
- आगे की यात्रा का रूट खेड़ी, फत्यापुर, चुनापानी, तलवाड़ा देब, मेहगांव, देबदवाना, देवला, घट्टी, अजंदी, कुंदामाल, ख़ुरमपुरा, ठीकरी, खलघाट, धामनोद, पलास, बगवानिया, उमरिया, काकडदा, ब्राहमणपूरी, व्हादरा, सुरानी, केसरपुरा, उखलदा, उमरबन, भमोरी, उंडी, धनोरा, भानपुरा, पेटलावद, सौंदुल, अल्ट्राटेक, टेमरनी, जलखा होते हुए खंडलाई में रात्रि विश्राम किया जाएगा।
दिनांक 28 सितंबर, 2021 को इंदौर में आदिवासी छात्र संगठन (ACS), मध्य प्रदेश की प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों व जिला अध्यक्ष की संयुक्त बैठक रखी गई थी। [PIC1]
- बैठक में निम्नांकित मुद्दों पर चर्चा उपरांत निर्णय लेकर कार्य योजना तैयार की गई -
जिलेंवार विद्यार्थियों की समस्याओं पर चर्चा - समस्याओं पर चर्चा उपरांत कई जिलों की कामन समस्याएं निकल कर सामने आई, जैसे प्रदेश सरकार के द्वारा आदेश जारी होने के बावजूद कई जिलों में छात्रावासों व आश्रमों का अब तक नहीं खुलना, कई जिलों के विद्यार्थियों को अब तक छात्रवृत्ति व आवास सहायता की राशि नहीं मिलना, कोरोना काल के दौरान छात्रवृत्ति व आवास सहायता की राशि में कटौती की जाना, छात्रावासों, आश्रमों व महाविद्यालयों में प्रवेश संख्या के अनुपात में सीटों की वृद्धि न किया जाना, नवीन छात्रावासों व आश्रमों का निर्माण न होना, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक विहीन स्कूलों का संचालन होना, लगभग सवा लाख से ज्यादा खाली पड़े एसटी/एससी के बैकलॉग पदों पर भर्ती ना निकालना, बढ़ती बेरोजगारी सहित आदि समस्याओं से विद्यार्थी व बेरोज़गर युवा परेशान है। प्रांतीय कमेटी ने निर्णय लिया है कि जिलेंवार विद्यार्थियों की समस्याओं का एक लिखित प्रतिवेदन दिनांक 5 अक्टूबर, 2021 तक संगठन की मेल आईडी - [email protected] या व्हाट्सएप नंबर +91-9669613396 पर भेजें। सभी जिलों से समस्याओं का लिखित डेटा आने के बाद प्रांतीय कमेटी इन समस्याओं के समाधान हेतु एक प्रतिवेदन तैयार कर प्रदेश के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर मुख्यमंत्री जी को विद्यार्थियों की इन समस्याओं से अवगत करवाकर समस्याओं का समाधान करने की मांग करेंगे । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय लेने की जिम्मेदारी ACS के प्रांतीय महासचिव सूरज ठाकुर जी एवं प्रांतीय संगठन मंत्री मुकाम सिंह अलावा जी को दी गई है। आदिवासी छात्र संगठन के बाइलॉज (संविधान) तैयार करने हेतु चर्चा उपरांत निर्णय- किसी भी संगठन को सुव्यवस्थित व सुचारू रूप से संचालित करने के लिए अनुशासन का होना बहुत जरूरी होता है, अनुशासन के बिना कोई भी संगठन व्यवस्थित व ज्यादा समय तक नहीं चल सकता है, इसलिए प्रदेश कार्यकारिणी ने निर्णय लिया है कि आदिवासी छात्र संगठन (ACS), मध्यप्रदेश का अपना एक संविधान हो।
- "7 सदस्य ACS संविधान निर्माण समिति" का गठन किया गया है, जो इस प्रकार है -
- सूरज ठाकुर - अध्यक्ष
- मुकाम सिंह अलावा - सदस्य
- बिजेंद्र उइके - सदस्य
- राहुल डामोर - सदस्य
- सागर खरते - सदस्य
- विजय धारवे - सदस्य
- प्रकाश बंडोड़ - सदस्य
यह समिति 1 माह के अंतर्गत संविधान ड्राफ्टिंग कर प्रांतीय कार्यकारिणी को प्रस्तुत करेगी। आदिवासी छात्र संगठन (ACS), मध्यप्रदेश का विस्तार - आदिवासी छात्र संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रत्येक आदिवासी बाहुल्य जिलों में स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, ब्लॉक एवं जिला स्तर पर आदिवासी छात्र संगठन की कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। इसके लिए ACS के प्रांतीय पदाधिकारियों को जिले का प्रभार दिया गया है । जिला प्रभारी एक अभियान के तहत मुहिम चलाकर 2 महीने के अंतराल में अपने-अपने प्रभार वाले जिलें में स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, ब्लॉक व जिला स्तर पर कार्यकारिणी का गठन कर प्रांतीय कार्यकारिणी को सूची प्रस्तुत करेंगे । जिस जिले में उपचुनाव होना है वहां पर आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए उपचुनाव के बाद कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। जिला प्रभारी की नियुक्ति केवल मालवा निमाड़ के जिलों के लिए की गई है, महाकौशल क्षेत्र के लिए बहुत जल्दी महाकौशल में एक बैठक आयोजित कर जिला प्रभारियों की नियुक्ति की जाएगी।
9. ACS President and its workers campaigning for Rajan Mandloi.[PIC4],[PIC5]
- This was the Narrative they shared -
- कल दिनांक 2 अप्रैल ,2018 को अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में व्यवस्था में बैठे हुए लोगों के द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से इसे शिथिल करवाते हुए निष्प्रभावी करने की एक कुटिल चाल चली है।
- उसका लोकतांत्रिक ढंग से विरोध दर्ज करने हेतु समाज के लोग स्वप्रेरणा से रोड़ पर उतर रहे हैं। जिसका विज्ञापन सोशल मीडिया के माध्यम से आज पूरे देश भर में देखने को मिल रहा है।
- आज मध्य प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर में भी सैकड़ों बाइकर्स 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद की मुनादी हेतु रोड पर उतरे जिसमें ST SC समुदाय के लोगों के साथ ही ओबीसी एवं मुस्लिम भाई भी शामिल थे।
- बहुत हो गया हैं,अब हम नहीं सहेंगे हम अन्याय ,अत्याचार, दमन, शोषण इसके खिलाफ अपने पक्के इरादे के साथ आवाज बुलंद करने का वक्त आ गया है।
- इसी का परिणाम है कि बिना किसी बैनर व बिना किसी राजनीतिक विचारधारा के वशीभूत होकर समाज स्वस्फूर्त होकर रोड़ पर उतर रहा है।
- यह लड़ाई ना सिर्फ ST SC वर्ग की है बल्कि निचले तबके के हर वर्ग के लोगों की है। चाहे वह किसी भी वर्ग का हो।
- इसीलिए 2 अप्रैल, 2018 को भारत बंद का समर्थन मुस्लिम एवं ओबीसी वर्ग का भी मिल रहा है।
- अब बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। इसे रुकने नहीं देना है। बहुत हो गया है।
- आज के इन हालातों मे सत्ता व संपत्ति की चाबी कुछ चुनिंदा लोगों के हाथ में जा रही है। समाज का बहुत बड़ा तबका इससे वंचित होते जा रहा है। सत्ता पर नियंत्रण देश के कुछ ही लोगों का है। इसी कारण व्यवस्था उन्हीं के इशारे पर चलती है। सरकार चाहे किसी भी विचारधारा की हो। लेकिन उनके आकाओं के इशारे के बगैर पत्ता भी नहीं हिलता है।
- भारतीय संविधान के मुताबिक यदि लोकतंत्र को संचालित करना चाहते हैं तो निकल पड़ो अपने घरों से, कर दो असली आजादी का ऐलान। अब नहीं सहेंगे गुलामी की जंजीरें। छोड़ देंगे हर वह जंजीरे जो मानवता और इंसानियत को आगे बढ़ने से रोक रही है।
- यही वक्त की पुकार है निकल पड़ो घर से बाहर सिर्फ 1 दिन के लिए मजदूर अपना काम बंद करें, ऑटो चालक ऑटो चलाना बंद करें ,वाहन चालक वाहन चलाना बंद करें ,कर्मचारी अपना काम अवकाश लेकर बंद करें, विद्यार्थी स्कूल कॉलेज बंद करें, व्यापारी अपनी दुकानें बंद करें, सफाई कर्मी अपना सफाई कार्य बंद करें।
- तभी पता चलेगा आपका महत्व कितना है। आज की इन हालातों में श्रम करने वालों का महत्व खत्म हो चुका है।
12. ACS members attended the Events (this event also attended by Yogendra Yadav, Rakesh Tikait) which was organized by Medha Patkar’s Narmada Bachao Andolan, also they mobilized youth for them to show multitudes.[Activities with NBA]
13. The Adivasi Chhatra Sangathan had also won the student union elections held in the tribal-dominated districts of western Madhya Pradesh and adjoining Rajasthan. Altogether 162 student representatives won in 25 colleges of about 15 districts of Madhya Pradesh. Also, there was a ruckus to cancel the election in PG College, Barwani because they were losing the election.[1][2] [ACS Elections Activities]
14. ACS also took part of Anti-CAA protest along with Jagrit Adivasi Dalit Sangathan, Adivasi Ekta Parishad, Adivasi Patel Mahasangh, Jay Adivasi Yuva Shakti (JAYS) and Bhim Army. Swaraj Abhiyan leader Yogendra Yadav and former IAS and social activist Harsh Mander also participated in the rally. The protest was held at Khargone’s Anaj Mandi and the rally was organised under the banner of Samvidhan Jan Bachao Andolan.[3]
15. AJJAKS conference program was held at BHEL Dussehra, Bhopal ground on 23 Sep, 2018, for the demand of reservation. And ACS members were also there.[4]
- मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।
- जीवन लम्बा होने की बजाय महान होना चाहिए।
- मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है।
- वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं।
- शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो।
- धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए।
- मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है, मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें।
- रात रातभर मै इसलिए जागता हूँ क्योंकि मेरा समाज सो रहा है।
- जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती, वह कौम कभी भी इतिहास नहीं बना सकती।
- अपने भाग्य के बजाय अपनी मजबूती पर विश्वास करो।
- मनुवाद को जड़ से समाप्त करना मेरे जीवन का प्रथम लक्ष्य है।
- जो धर्म जन्म से एक श्रेष्ठ और दूसरे को नीच बनाए रखे, वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड्यंत्र है।
- मै तो जीवन भर कार्य कर चुका हूँ अब इसके लिए नौजवान आगे आए।
- जो झुक सकता है वह सारी दुनिया को झुका भी सकता है।
- अच्छा दिखने के लिए मत जिओ बल्कि अच्छा बनने के लिए जिओ।
- शिक्षा जितनी पुरुषो के लिए आवश्यक है उतनी ही महिलाओं के लिए।
- महात्मा आये और चलें गये परन्तु अछूत, अछूत ही बने हुए हैं।
- मनुष्य नश्वर है, उसी तरह विचार भी नश्वर हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की, नहीं तो दोनों मुरझाकर मर जाते हैं।
- एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है।
- समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।
- बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
- मानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।
































Reference Link
[1] छात्र राजनीति में उभरते आदिवासी नेतृत्व को सलाम. Hindi. (2017, November 5), https://thewirehindi.com/23770/adivasi-students-unions-college-polls-madhya-pradesh-rajasthan/.
[2] SBN PG college में हंगामा, बहिष्कार के बीच हुआ सीआर का मतदान: College Student Union elections. Patrika News. (2017, October 30), https://www.patrika.com/barwani-news/college-student-union-elections-1951539/.
[3] CAA protests: Dalits, tribals, workers protest in MP, Urge State Govt to pass resolution. NewsClick. (n.d.), https://www.newsclick.in/CAA-Protests-Dalits-Tribals-Workers-Protest-MP-Urge-State-Govt-Pass-Resolution.
[4] बड़ी खबर: अजाक्स नेता बोले सवर्णों को 15 फीसदी आरक्षण हम देंगे- also see video: Ajjaks leader says we will give 15 reservations to upper castes. Patrika News. (2018, September 23), https://www.patrika.com/bhopal-news/ajjaks-leader-says-we-will-give-15-reservations-to-upper-castes-1-3456490/.
[5] Prakash Bandod. Facebook. (n.d.-b), https://www.facebook.com/prakash.bandod.9/posts/847850622089577.
[6] Prakash Bandod. Facebook. (n.d.-b), https://www.facebook.com/prakash.bandod.9/posts/1674208399453791.
[7] Prakash Bandod. Facebook. (n.d.-b), https://www.facebook.com/prakash.bandod.9/posts/1813466538861309.
[8] Prakash Bandod. Facebook. (n.d.-b), https://www.facebook.com/prakash.bandod.9/posts/1824930541048242.
[9] Prakash Bandod. Facebook. (n.d.-b), https://www.facebook.com/prakash.bandod.9/posts/1800984600109503.
[10] Bhaysa Solanki. Facebook. (n.d.-a), https://www.facebook.com/bhaysa.solanki.7/posts/713516649002010.